हंस और कौआ की कहानी: Peacock And Crow Story In Hindi

नमस्कार दोस्तों आज कि यह हंस और कौआ की कहानी: Peacock And Crow Story In Hindi हमें यह सिखाती है कि बाहरी सुंदरता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हमारी अंदर की अच्छाई और समझदारी होती है। इस कहानी में हंस और कौआ के बीच का अंतर और उनके दृष्टिकोण के बारे में बताया गया है। हंस, जो अपनी सुंदरता पर गर्व करता था, और कौआ, जो अपनी समझ और बुद्धिमत्ता पर विश्वास करता था, दोनों की मुलाकात होती है। हंस को अपनी सुंदरता पर इठलाने का बहुत शौक था, जबकि कौआ साधारण था, लेकिन उसकी समझदारी और अच्छे कार्य उसे सभी से अधिक सम्मान दिलाते थे। इस कहानी के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि घमंड और केवल बाहरी दिखावट से जीवन में सफलता नहीं मिलती, बल्कि सच्ची सफलता और सम्मान अच्छे कर्मों, समझदारी और दूसरों की मदद से प्राप्त होते हैं।

हंस और कौआ की कहानी - Peacock And Crow Story In Hindi

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। इस जंगल में एक सुंदर हंस और एक काले कौआ का भी निवास था। हंस का शरीर सफेद और सुंदर था, और उसकी आवाज बहुत मधुर थी। वही कौआ काले रंग का था और उसकी आवाज बहुत कठोर और कर्कश थी। हालांकि, दोनों जानवर जंगल में रहते थे, लेकिन उनकी प्रकृति और स्वभाव में बहुत फर्क था।

हंस की सुंदरता

हंस की सुंदरता जंगल के सभी जानवरों के बीच प्रसिद्ध थी। उसके सफेद पंख और उसकी नाजुक काया किसी को भी आकर्षित कर लेते थे। वह पानी में तैरते समय बहुत ही आकर्षक नजर आता था। हंस हमेशा गर्व से अपनी सुंदरता के बारे में सोचता और इस पर इठलाता रहता था। उसे यह महसूस होता था कि उसका शरीर ही सबसे बड़ा गहना है और वह बाकी सभी जानवरों से बेहतर है।

कौआ और उसकी सादगी

वहीं, कौआ बिल्कुल अलग था। वह काले रंग का था और उसका रूप साधारण था। उसे अपनी सुंदरता से कोई फर्क नहीं पड़ता था, बल्कि वह खुद को अपनी समझ और बुद्धिमत्ता से मापता था। वह हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता और साधारण तरीके से जीवन जीता था। हालांकि, उसके पास कोई विशेषता नहीं थी, फिर भी जंगल के सभी जानवर उसे सम्मान देते थे क्योंकि वह हमेशा उनकी मदद करता था और अपनी समझ से समस्याओं का हल निकालता था।

हंस का घमंड

एक दिन हंस और कौआ एक जलाशय के पास मिले। हंस ने कौआ से कहा, “तुम मुझे देखो, मेरे सुंदर सफेद पंख, मेरी लम्बी गर्दन और मेरा रूप। मैं जंगल का सबसे सुंदर जानवर हूं। तुम्हारे पास तो कुछ भी खास नहीं है। तुम्हारा काला रंग और साधारण रूप तुम्हें कभी किसी से श्रेष्ठ नहीं बना सकते।”

कौआ हंस की बातों को शांतिपूर्वक सुनता रहा। फिर उसने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “सच तो यह है कि सुंदरता बाहरी रूप से नहीं, बल्कि भीतर से आती है। एक दिन तुम्हें यह समझ में आएगा कि केवल सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती।"

हंस ने कौआ की बातों को नजरअंदाज किया और यह सोचते हुए जलाशय में तैरने चला गया कि उसे कोई नहीं समझ सकता। वह फिर से अपनी सुंदरता पर इठलाने लगा और बाकी सभी जानवरों से प्रशंसा प्राप्त करने का आनंद लेने लगा।

कौआ की समझदारी

कुछ दिन बाद, जंगल में एक बड़ी समस्या आ गई। जंगल के पास एक बड़ा तूफान आया, और कई पेड़ गिर गए। इससे जंगल में कई जानवरों के घर उजड़ गए थे। सभी जानवर घबराए हुए थे और यह नहीं समझ पा रहे थे कि क्या किया जाए। तभी कौआ ने सभी को शांत किया और कहा, “मैं जानता हूं कि तूफान के बाद हमें बचने के लिए एक सुरक्षित जगह की जरूरत है। सभी को एक साथ आकर सही निर्णय लेने की आवश्यकता है।”

कौआ ने एक जगह खोजी जहां सभी जानवर सुरक्षित रह सकते थे। उसने सभी को वहां पहुंचने में मदद की और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी जानवर नुकसान न उठाए। उसकी समझदारी और तत्परता ने सबको राहत दी। इस दौरान, हंस को यह महसूस हुआ कि केवल सुंदरता से किसी का भला नहीं होता, बल्कि समझदारी और परिश्रम से ही मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है।

हंस का एहसास

तूफान के बाद, हंस ने कौआ के साथ बैठकर उसकी सराहना की और कहा, “तुम सही थे कौआ। आज मैंने महसूस किया कि असली ताकत केवल रूप और सुंदरता में नहीं, बल्कि समझदारी और परिश्रम में होती है। मैं अब समझ चुका हूं कि केवल बाहरी सुंदरता से जीवन नहीं जी सकते, बल्कि हमें अपने अंदर की अच्छाइयों और बुद्धिमत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए।”

कौआ मुस्कराया और कहा, “अब तुम समझ गए हो हंस। सच्ची सुंदरता आत्मा की होती है, जो हमारे कार्यों और विचारों से प्रकट होती है। हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि असली सम्मान हमारे अच्छे कर्मों और दूसरों की मदद करने से आता है।”

दोनों का दोस्ती

इसके बाद, हंस और कौआ अच्छे दोस्त बन गए। हंस ने अब समझ लिया था कि उसे अपनी बाहरी सुंदरता पर इठलाने की बजाय, अपने अंदर की अच्छाइयों पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, कौआ ने यह जाना कि कभी-कभी हमें अपनी अच्छाई और समझदारी को दूसरों के सामने लाने का भी हक है, ताकि लोग उससे कुछ सीख सकें।

समाप्त!

सीख: इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि केवल बाहरी रूप और सुंदरता से किसी का भला नहीं होता। असली सुंदरता और सम्मान हमारे कर्मों, बुद्धिमत्ता और दूसरों की मदद करने से आती है। हमें घमंड नहीं करना चाहिए और हमें हमेशा अपनी अच्छाईयों को अपने कार्यों से साबित करना चाहिए।

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