A Snake And Crow Story In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज कि यह कहानी एक बुद्धिमान कौए और एक चालाक सांप के बीच की है, जो हमें यह सिखाती है कि समझदारी और चतुराई से बड़ी से बड़ी मुश्किलें हल की जा सकती हैं। एक हरे-भरे जंगल में जहां सभी जानवर पानी की कमी से जूझ रहे थे, एक कुशल कौआ अपने दिमागी शक्ति से समस्याओं का हल ढूंढता है। जंगल के जानवरों को विषधर सांप के डर से निजात दिलाने के लिए काकू (कौआ) अपनी चतुराई का उपयोग करता है, और अंत में सभी जानवरों के जीवन को सुरक्षित करने में सफल होता है। इस कहानी के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि केवल शक्ति से नहीं, बल्कि बुद्धिमानी से भी किसी भी संकट का सामना किया जा सकता है। तो चलीये आज कि इस कहानी Story of Courage and Wisdom In Hindi, Snake and Crow Children Story, दुष्ट सर्प और कौआ, कौवा और सांप की कहानी को पढना शुरू करते हैं.
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Story of Courage and Wisdom In Hindi |
सांप और कौआ की कहानी: A Snake And Crow Story In Hindi
बहुत समय पहले की बात है, एक हरे-भरे जंगल में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु रहते थे। यह जंगल अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध था, और यहां सभी जानवर शांति से रहते थे। इसी जंगल में एक सांप और एक कौआ रहते थे, जिनकी कहानी आज भी जंगल के जानवरों के बीच सुनाई जाती है।
सांप का नाम था "विषधर", और वह जंगल का सबसे खतरनाक और चालाक सांप था। उसकी लंबी और काली शरीर में जहर था, जो किसी को भी एक ही झटके में खत्म कर सकता था। वह हमेशा छुपकर रहता था और अपने शिकार पर नजर रखता था। जंगल के बाकी जानवरों से सभी डरते थे, क्योंकि विषधर बहुत ही चालाक था और किसी को भी अपनी चाल से मात दे सकता था। वह किसी भी जानवर को अपनी जहर से मार सकता था, और उसका शिकार कोई भी आसानी से नहीं कर सकता था।
दूसरी ओर, कौआ था जिसका नाम था "काकू", वह एक बुद्धिमान और समझदार पक्षी था। काकू का रंग काला था, और उसकी आंखें तेज और चमकदार थीं। वह अक्सर आकाश में उड़ते हुए जंगल की हर गतिविधि पर नजर रखता था। काकू को जंगल के कई जानवरों ने अपने अच्छे सलाहकार के रूप में माना था, क्योंकि वह हमेशा समझदारी से काम करता था और किसी भी समस्या का हल ढूंढ लेता था।
एक दिन, जंगल में एक बड़ा संकट आ गया। जंगल में पानी की भारी कमी हो गई थी, और सभी जानवर पानी की खोज में इधर-उधर दौड़ रहे थे। कुछ जानवरों ने पास के एक तालाब का पता लगाया, लेकिन वह तालाब बहुत गहरे और खतरनाक स्थान पर था, जहाँ पहुंचने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वहां विषधर सांप का बसेरा था। वह तालाब के पास बैठकर किसी भी जानवर को पास नहीं जाने देता था।
पानी की भारी कमी के कारण सभी जानवर परेशान थे, और एक दिन काकू ने जंगल के जानवरों के बीच एक सभा आयोजित की। वह जानता था कि अगर अब कुछ नहीं किया गया, तो सभी जानवरों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। काकू ने सभी जानवरों से कहा, "हमें किसी भी हाल में उस तालाब तक पहुंचने का रास्ता ढूंढना होगा, क्योंकि पानी हमारे जीवन के लिए जरूरी है। लेकिन विषधर के कारण हम वहां नहीं जा सकते। हम सबको एकजुट होकर सोचने की जरूरत है।"
सभी जानवरों ने काकू की बातों को सुना, और उन्होंने तय किया कि वह विषधर से निपटने के लिए एक योजना बनाएंगे। काकू ने सोचा कि वह विषधर को किसी तरह अपनी चतुराई से हराएगा, क्योंकि वह जानता था कि एक अकेला सांप किसी भी हालत में उसे मात नहीं दे सकता। काकू ने अपनी योजना बनाई और अगले दिन उसे लागू करने का फैसला किया।
काकू ने पहले जंगल के छोटे-छोटे जानवरों को इकट्ठा किया और कहा, "हमारी योजना बहुत सरल है। मैं विषधर को अपनी बातों से बहलाऊंगा और उसे अपनी चतुराई से फंसा लूंगा। हमें बस इतना ध्यान रखना होगा कि हम एकजुट रहें और किसी भी हालत में डरें नहीं।"
अगले दिन, काकू विषधर के पास पहुंचा। वह ऊपर से उड़ते हुए धीरे-धीरे विषधर के पास उतरा और कहा, "हे विषधर, तुम तो जंगल के सबसे शक्तिशाली प्राणी हो। कोई भी जानवर तुम्हारे सामने टिक नहीं सकता। लेकिन क्या तुमने कभी सोचा है कि तुम्हारी ताकत के कारण तुम्हारा खुद का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है?"
विषधर ने काकू की बातों को सुना और बोला, "तुम क्या कहना चाहते हो, काकू? मैं तो हर किसी को अपनी ताकत से डराता हूं। मुझे किसी से डरने की जरूरत नहीं।"
काकू ने कहा, "लेकिन विषधर, तुम्हारी ताकत के कारण तुम्हारे शिकार और जंगल के जानवर तुमसे बहुत डरते हैं। क्या तुमने कभी सोचा है कि अगर जंगल में कोई ऐसी जगह हो, जहां तुम सुरक्षित नहीं रह सको, तो क्या होगा?"
विषधर को काकू की बातों में कुछ सच्चाई नजर आई। वह चुपचाप काकू की बातों को सुनता रहा। फिर काकू ने कहा, "तुम्हारे पास इतना बड़ा तालाब है, जहां तुम आराम से रहते हो। लेकिन अगर तुम उसे छोड़ कर कहीं और चले गए, तो क्या होगा? शायद कोई और जानवर तुम्हारे स्थान पर कब्जा कर ले।"
काकू की बातों में कुछ सच्चाई थी, और विषधर सोचने लगा। काकू ने फिर कहा, "मैं तुम्हारे लिए एक मौका लाया हूं। अगर तुम अपने स्थान से हट जाओ, तो मैं तुम्हें और भी अधिक सुरक्षित स्थान दिलवा सकता हूं, जहां तुम आराम से रह सकते हो।"
विषधर को काकू का प्रस्ताव आकर्षक लगा, और उसने सोचा कि क्यों न वह अपनी जगह बदल ले। उसने काकू की बातों को मानते हुए तालाब छोड़ने का निर्णय लिया।
इसके बाद काकू ने बाकी जानवरों को तालाब तक पहुंचने का रास्ता साफ कर दिया, और सभी जानवरों ने पानी पीने के बाद काकू को धन्यवाद दिया। काकू की चतुराई और समझदारी ने जंगल के सभी जानवरों की मदद की और विषधर को हराया।
नैतिक शिक्षा:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी समस्या का समाधान केवल ताकत से नहीं, बल्कि समझदारी और चतुराई से किया जा सकता है। काकू ने अपनी बुद्धिमानी से विषधर को हराया, और सभी जानवरों की मदद की। इस तरह, हमें कभी भी अपनी समझदारी और सोच का सही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए केवल शक्ति ही नहीं, बल्कि दिमागी सूझबूझ भी जरूरी है।
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