हेल्लो दोस्तों इस पोस्ट में हम बच्चों के लिए 7 Famous Short Moral Stories in Hindi, प्रसिद्ध नैतिक लघु कहानियाँ हिंदी में लेकर आये हैं जो आपके बच्चों को मनोरंजन के साथ नैतिकता भी सिखायेंगे तो आइये बिना देरी के कहानी कि शुरुवात करते हैं और पढ़ते हैं famous short moral stories in hindi, short story in hindi with moral, very short story in hindi, top 7 best hindi moral stories for kids, short moral stories in hindi, 7 hindi short stories with moral for kids
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एकता में अटूट शक्ति | Moral Stories in Hindi
एक किसान था, उनके चार बेटे थे। वे सब हमेशा आपस में ही लड़ते रहते थे जिसके कारण वह किसान बहुत दुखी हुआ।
उसने उन्हें कई बार आपस में झगड़ा न करने की सलाह दी, लेकिन व्यर्थ रहा। एक दिन वह किसान बहुत बीमार पड़ गया। वह समझ गया था कि अब उसका अंत निकट है। उसने अपने सभी बेटों को अपने पास बुलाया, उसने उन्हें लकड़ियों का एक गट्ठर दिया और उसे तोड़ने को कहा।
उसके सभी बेटो ने बारी बारी प्रयास किया लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे। क्योंकि वह लकडियो का बंडल इकट्ठा था। इसके बाद किसान ने अपने सभी बेटों को उस गट्ठर में से एक-एक लकड़ी तोड़ने को कहा। सभी बेटों ने उन लकड़ियों को आसानी से तोड़ दिये।
इसके बाद किसान ने अपने बेटों को समझाते हुए कहा, “गठरी की तरह एक हो जाओ। यदि तुम सब एक रहोगे, तो कोई भी तुम सबको नुकसान पहुंचाने का हिम्मत नहीं कर पायेगा। बेटों ने अपना सबक सीख लिया था इसके बाद उन्होंने फिर कभी झगड़ा नहीं किया।
Moral of The Story: संगठन में ही शक्ति है, इसलिए हमेशा संगठित रहना चाहिए।
लोमड़ी और कौआ | Hindi moral Story for Class 2
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एक समय कि बात है एक बार एक लोमड़ी थी। वह बहुत भूखी थी। वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। लेकिन उसे कहीं भी खाना नहीं मिला।
भूख से भटकते भटकते वह एक बगीचे में पहुंची। वहां उसने एक पेड़ पर एक कौआ बैठे देखा। कौवे के मुंह में एक पनीर का बड़ा टुकड़ा था।
लोमड़ी बहुत चालाक थी, और उसने कौवे से वह टुकड़े को छिनने का एक उपाय सुझा। वह कौए की झूठी तारीफ करने लगी। उसने कहा, ''प्यारे कौवे! आप सच में बहुत खूबसूरत हैं और आपकी आवाज भी बहुत सुरीली है। क्या तुम अपनी मधुर आवाज में मुझे एक गाना गा कर सुना सकते हो। कौवा अपनी इतनी तारीफ सुनकर बहुत खुश हुआ और लोमड़ी को खुश करने के लिए उसने गाने के लिए जैसे ही अपनी चोंच खोली। उसके मुंह से पनीर का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी ने झपटकर उसे खा लिया और वहां से चली गई।
Moral of The Story: चापलूसों से हमेशा सावधान रहें। नहीं तो आप अपना ही नुकसान करेंगे
कबूतर और मधुमक्खी | Hindi moral Story for Class 5
एक बार एक मधुमक्खी थी, उसे बहुत जोर कि प्यास लगी थी। पानी पिने के लिए नदी में चली गयी। पानी पिने के दौरान अचानक वह नदी में गिर गयी। वो डूबकर मरने ही वाली थी। उसे डूबते हुए एक कबूतर ने देखा।
उसने एक पेड़ से पत्ता तोड़ा और उस पत्ते को मधुमक्खी के पास पानी में फेंक दिया। मधुमक्खी उस पत्ते पर चढ़ गई और उसकी जान बच गई। मधुमक्खी कि जान बचाने के बाद कबूतर उड़ गया।
ऐसे ही कई दिन बीत गए। एक दिन एक शिकारी वहां आया। उसने कबूतर को देखाऔर वो कबूतर को निशाना बनाने ही वाला था कि अचानक मधुमक्खी ने यह सब देखा। उसने उस शिकारी को डंक मार दिया जिसके कारण उसकी बंदूक नीचे गिर गई। आवाज सुनकर कबूतर वहां से उड़ गया। उसने अपनी जान बचाने के लिए मधुमक्खी को धन्यवाद दिया।
Moral of The Story: अच्छा करो, अच्छा लो। अगर आप किसी का भला करोगे तो आपके साथ भी भला होगा
मित्र वही जो मुसीबत में काम आये | Hindi moral Story for Class 7
रामू और राजू दो दोस्त थे। रामू एक अच्छा और साफ़ दिल का दोस्त था। लेकिन राजू बहुत ही स्वार्थी था। एक दिन वे दोनों एक जंगल से गुजरे।
अचानक उन्होंने एक भालू को अपनी तरफ आते देखा। वो दोनों डर गए राजू फौरन दौड़कर एक पेड़ पर चढ़ गया। उसने रामू की जरा भी परवाह नहीं की। रामू को जब कुछ नहीं सुझा तो वह मुर्दे के समान वहीँ जमीन पर लेट गया।
और उसने अपनी सांस रोक ली। भालू ने आकर उसे सुंघा और सोचा कि यह तो मर चुका है और वहां से चला गया। भालू के जाने के बाद राजू भी पेड़ से नीचे आया।
उसने रामू के पास जाकर पूछा, “भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” इसपर रामू ने जवाब दिया, "भालू ने मुझे झूठे दोस्तों से सावधान रहने के लिए कहा।" जिसे सुनकर राजू शर्मिंदा हो गया
Moral of The Story: स्वार्थी मित्रों से हमेशा सावधान रहें।
भेड़िया और मैमना | Hindi moral Story for Class 3
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एक बार एक भेड़िया था। उसे प्यास लगी थी। वह पास कि एक नदी पर गया पानी पीने लगा वहां पर उसने एक मेमने को देखा। वो उसको खाना चाहता था पर वह नदी के दूसरी छोर पर था
इसलिए उसने मेमने से कहा।
“तुम पानी को मैला क्यों कर रहे हो?” मेमने ने उत्तर दिया, “नहीं, पानी आपकी ओर से मेरी तरफ बह रहा है। मैं इसे मैला कैसे बना सकता हूँ?”
अब भेड़िये ने कहा, "पिछले साल तुमने मुझे गाली क्यों दी? थी मेमने ने उत्तर दिया, "मैं तो तब पैदा ही नहीं हुआ था।" इस पर भेड़िया फिर बोला, "
तो यहाँ तुम्हारी माँ होनी चाहिए ऐसे ही वह बात करते हुए मेमने के पास आ गया और पास पहुंचकर उसने मेमने को मार डाला। फिर उसने उसे खा लिया।
Moral of The Story: कभी भी किसी से बिना मतलब के बहस नही करना चाहिए
छिपा खजाना | Moral Stories for Childrens in Hindi
एक समय कि बात है एक बार एक बूढ़ा किसान था। उनके चार बेटे थे। वे सब के सब बहुत ही आलसी थे। वे कभी कोई काम नहीं करते बस हमेशा लड़ते रहते थे।
एक दिन किसान बहुत ज्यादा बीमार पड़ गया। वह जानता था कि अब उसकी मृत्यु निकट है। उसे अपने बेटों कि बहुत चिंता थी कि उसके जाने के बाद उनका क्या होगा इसलिए उसने अपने बेटों को बुलाया और उसने कहा, 'हमारे खेत में खजाना छिपा है।
मेरी मृत्यु के बाद उसे खोदकर निकाल लेना। फिर किसान की मौत हो गई।
उसका अंतिम संस्कार करने के बाद बेटे उस खेत में गए। उन्होंने पूरे खेत को खोद डाला। लेकिन कहीं कोई खजाना नहीं था। उनके पास से गुजर रहे एक बुद्धिमान व्यक्ति ने उन्हें उस खली पड़े खेत में गेहूं बोने की सलाह दी। उन्होंने भी सोचा कि इतनी मेहनत तो बेकार ही गई इसलिए उन्होंने खेत में तो गेहूं बो दिया। कुछ समय बाद उस खेत में अच्छी फसल हुई जिसे बेचकर उन्हें बहुत सारे पैसे मिले। तब उन्हें अपने पिता के खजाने वाली बात का मतलब समझा और उन्होंने कड़ी मेहनत का मूल्य सीखा। वे फिर आगे मेहनत करने लगे।
Moral of The Story: मेहनत ही असली खजाना है
भगवान पारा और लकड़हारा | Hindi moral Story for Class 7
एक बार एक गरीब लकड़हारा था। वह अपना जीवन यापन करने के लिए जंगल से लकड़ियाँ काटकर और उन्हें बाजार में बेचकर गुजारा करता था एक दिन वह नदी के किनारे एक पेड़ से लकड़ियाँ काट रहा था कि अचानक उसकी कुल्हाड़ी पानी में गिर गई। वह वहीँ उदास बैठ कर रो रहा था।
तभी वहां भगवान प्रकट हुए। उन्होंने उस लकड़हारे से पूछा कि वह उदास क्यों है। लकड़हारे ने कहा कि उसकी कुल्हाड़ी पानी में गिर गई है।
भगवान ने नदी में डूबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी निकाली। लेकिन लकड़हारे ने कहा,यह कुल्हाड़ी मेरा नहीं है। भगवान ने फिर नदी में डूबकी लगायी और इस बार एक चांदी की कुल्हाड़ी निकाली। लेकिन लकड़हारे ने फिर कहा, "यह कुल्हाड़ी भी मेरा नहीं है।"
अबकी बार भगवान ने दुबकी लगायी और एक लोहे कि कुल्हाड़ी निकली जिसे देखकर लकड़हारा खुश हुआ। उसने कहा, "यह कुल्हाड़ी मेरी है।" उसकी ईमानदारी पर भगवान प्रसन्न हुए।
और उस लकडहारे को पुरुष्कार स्वरूप तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं।
Moral of The Story: ईमानदारी सबसे आचरण होता है
Conclusion
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको प्रस्तुत कहानियां जरुर पसंद आई होंगी आप यहाँ दो गई कहानियों को अपने बच्चो को सुनकर उनको नैतिकता का पाठ सिखा सकते हैं आपको हमारा यह लेख famous short moral stories in hindi, short story in hindi with moral, very short story in hindi, top 7 best hindi moral stories for kids, short moral stories in hindi, 7 hindi short stories with moral for kids कैसा लगा कृपया कमेन्ट करके जरुर बताएं
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